मंदिर में पूजा-पाठ करने हर दिन काफी लोग जाते है। आइए जानते है मंदिर के बाहर से चप्पल चोरी होना कैसा संकेत होता है।
मंदिर में अंदर जाते हुए दर्शन करने से पहले लोग चप्पल उतारकर ही जाते है। इसकी वजह मंदिर में चप्पल पहनना निषेध होना है।
शास्त्रों में जूते-चप्पल का संबंध शनिदेव से जोड़ा गया है। ऐसे में अगर यह मंदिर के बाहर से चोरी हो जाएं तो इसे शुभ संकेत माना जाता है।
शनि से संबंधित होने के चलते इस दिन मंदिर के बाहर जूते- चप्पल चोरी होने बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसका वास शनि के पैरों में होता है।
मान्यता है कि अगर जूते या चप्पल शनिवार के दिन खोते है या दान किए जाए तो इसका खास महत्व होता है। इस दिन चप्पल या जूते दान करने से शनिदेव अति प्रसन्न होते है।
ज्योतिष के मुताबिक अगर शनि कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठे हो तो सफलता मिलने में काफी परेशानियां आती है। चप्पल चोरी होना मुसीबत से छुटकारे का संकेत भी होता है।
चमड़ा और पैर दोनों का ही शनि से संबंध होता है। इसके खोने का अर्थ है कि जल्द ही आप कोई शुभ कार्य करने वाले है।
कई लोग जूते चप्पल खोने से काफी परेशान हो जाते है। ऐसे में इसे अशुभ संकेत न मानते हुए, निराश होने की जरूरत नहीं है। यह आपके लिए शुभ संकेत लेकर आता है।