हिंदू धर्म में अच्छे मुहूर्त का बड़ा महत्व बताया गया है, किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
दिनभर का शुभ मुहूर्त चौघड़िया से देखा जाता है, इनमें लाभ, अमृत, शुभ और चर का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
दिन में किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए अभिजित मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ रहता है, वहीं राहु काल को अशुभ बताया गया है।
शुभ मुहूर्त के लिए वार, तिथि, योग, नक्षत्र, ग्रहों की स्थिति, अधिकमास, मलमास, भद्रा, शुभ लग्न व योग और गुरु व शुक्र ग्रह के उदय होने की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
यह योग वार और नक्षत्रों पर निर्भर करते हैं, सोमवार के दिन श्रवण, अनुराधा, पुष्य, रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र हो तो यह सर्वार्थसिद्धि योग होता है।
सभी योगों में गुरु-पुष्य को सबसे श्रेष्ठ माना गया है, गुरुवार के दिन चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में होने से सिद्धिदायक योग होता है।