हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ मुहूर्त के अनुसार करने की परंपरा है। आइए देखते है किन कार्यो को शुभ मुहूर्त में करने का खास महत्व होता है।
धार्मिक महत्व के अनुसार, किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए मुहूर्त पर काम को करने से सफल होने की चांस दोगुनी हो जाती है।
मांगलिक कार्यों की शुरुआत देवउठनी एकादशी के बाद से हो जाती है। बच्चे का नामकरण, गृह प्रवेश और भूमिपूजन जैसे महत्वपूर्ण कार्य शुभ मुहूर्त पर करनी चाहिए।
भूमिपूजन के लिए शुक्रवार, बुधवार और सोमवार दिन शुभ माना जाता है। पूजन के लिए शुभ नक्षत्र अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, उत्तरा, हस्त और रेवती है। पूजन की शुभ तिथियां 2, 3, 5, 7, 10, 11 और पूर्णिमा हैं।
घर में कोई काम शुरु रहे हैं तो बृहस्पति, सूर्य, चंद्रमा और शुक्र ग्रह नीच नहीं होने चाहिए। शनिवार के दिन मकान से जुड़ा कोई भी नया काम शुरु कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष में घर का निर्माण करना शुभ होता हैं।
मंगलवार और रविवार के दिन निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। कृष्ण पक्ष में घर का निर्माण करना अशुभ माना जाता है।
गृह प्रवेश के दौरान पंचांग के मुताबिक ही घर में प्रवेश करना चाहिए। नए मकान में प्रवेश करने की शुभ तिथि 2, 3, 5, 7, 10, 11 और 13 है। मंगलवार और शनिवार को घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
बच्चे का नामकरण शुक्रवार, गुरुवार, बुधवार और सोमवार को महीने की 2, 3, 7, 10, 11 और 13 को ही करना चाहिए। इसके अलावा पंचांग के अनुसार, नक्षत्रों का भी खास ख्याल रखना चाहिए।