फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि को माता सीता का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है। इस बार 14 फरवरी को सीता अष्टमी है।
मान्यता है कि इस दिन माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं। सिंधु पुराण के अनुसार फाल्गुन कृष्ण अष्टमी के दिन मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की गोद में आई थीं।
इस दिन घर सुबह स्नान कर माता सीता व प्रभु श्री राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए। माता सीता की मूर्ति पर श्रृंगार सामग्री चढ़ाकर याचना करनी चाहिए।
सीता अष्टमी पर व्रत रखकर सुखद दांपत्य जीवन की कामना की जाती है। सुहागिन महिलाओं के साथ शादी योग्य युवतियां भी यह व्रत रख सकती हैं।
इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। सूर्यास्त के बाद विधिवत पूजा अर्चना कर दूध व गुड़ से बने व्यंजन ग्रहण कर व्रत पारण करना चाहिए।