शरद पूर्णिमा का पर्व इस साल चंद्रग्रहण के साये में मनाया जाएगा। चंद्रग्रहण मध्य रात्रि में पड़ेगा और सूतक दोपहर बाद से ही शुरू हो जाएगा। आइए जानते हैं सूतक में क्या काम नहीं करना चाहिए?
चंद्रमा की शीतल रोशनी में बनने वाली खीर भी इस ग्रहण के चलते मध्य रात्रि में नहीं बनाई जाएगी। यह ग्रहण नौ सालों के बाद लग रहा है। इस ग्रहण समाप्ति के बाद ही खीर बना सकते है।
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि पर रहेगा। इस ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा।
एक पखवाड़े में दो ग्रहण पंडित विष्णु राजोरिया और पंडित रामजीवन दुबे के मुताबिक शुभ नही माने जाते है। शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होगी और इसी दिन चंद्रग्रहण रहेगा।
सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के दिन पड़ रहा है। हालांकि, यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इस दिन कोई भी सूतक मान्य नहीं होगा।
ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 बजे, ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे, ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे और ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे को 28 अक्टूबर को होगा।
इस चंद्रग्रहण का शुभ असर कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मध्यम असर सिंह, तुला, मीन पर दिखाई देगा। इस ग्रहण का बुरा असर मेष, वृषभ, कन्या और मकर राशि पर पड़ेगा।
सूतक के दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते है। साथ ही, इस समय कोई भी खरीदारी, पूजा और शुभ कार्य आदि नहीं करना चाहिए। इस दौरान सोने से भी दोष लगता हैं।