सोमवती अमावस्या जुलाई के महीने में पड़ने वाली है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या में कैसे करें पूजा जिससे दूर होगा पितृ दोष?
17 जुलाई को सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या पड़ रही हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता हैं।
सावन अमावस्या 16 जुलाई को रविवार की रात 10:08 मिनट से शुरू होकर 18 जुलाई को दोपहर के 12 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगी। इसी दिन सावन के सोमवार का दूसरा व्रत भी पड़ेगा।
17 जुलाई को इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से पितृ खुश होते है और पितृ दोष दूर होता है। 108 बार परिक्रमा करने से भी पितृ दोष दूर होता है।
‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात’ मंत्र की एक माला जपने से पितृ समेत कई दोष दूर होते है।
सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष दूर करने के लिए कुत्ता, कौआ, गाय आदि को भोजन का एक हिस्सा जरूर देना चाहिए। ऐसा करने से पितृ खुश होते है।
इस अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके अपने पितरों को याद करें और हाथ में कुश की पवित्री पहनकर जल दें। ऐसा करने से आपके नाराज पितृ भी प्रसन्न होंगे।
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान ध्यान और पूजा-पाठ करने के साथ-साथ व्रत भी रखना चाहिए। इस दिन सुबह स्नान करने से पहले जल में गंगाजल जरूर मिला लें।