यूरिक एसिड लाइफस्टाइल से जुड़ी एक समस्या है, जिसके हाई होने से शरीर के अंगों में दर्द होने लगता है। यह समस्या गलत खानपान के कारण बढ़ती है।
रोटी बनाने के लिए कई आटे का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में अधिकतर लोग गेंहू की रोटी खाते है, लेकिन यूरिक एसिड वालों को दूसरे आटे की रोटी खानी चाहिए।
अगर आप यूरिक एसिड के मरीज है, तो आपको डाइट में गेहूं की ज्वार की रोटी का सेवन करना चाहिए। ज्वार के आटे की रोटी यूरिक एसिड को बढ़ने नहीं देती है।
ज्वार के आटे में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो यूरिक एसिड की समस्या में कारगर साबित होता है। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखता है।
ज्वार के आटे में प्यूरीन की मात्रा बेहद ही कम होती है, जिसके कारण इसका सेवन यूरिक एसिड के मरीजों के लिए वरदान माना जाता है।
जब हाई प्यूरीन वाली चीजों को खाते है, तो जोड़ों में जम जाता है, जिसके कारण लोगों को दर्द होता है। अगर ज्वार के आटे की रोटी खाते है, तो यूरिन के रास्ते से यूरिक एसिड के क्रिस्टल बाहर होने लगता है।
ज्वार के आटे की रोटी खाने से यूरिक एसिड नहीं बढ़ता है। हेल्थ से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ