हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोन होते हैं, जो कई फंक्शन को सुचारू रूप संचालित करने में मदद करते हैं। इनमें एक कोर्टिसोल हार्मोन हैं, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है।
कोर्टिसोल हार्मोन शरीर में काम के तनाव, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, शरीर में फैट, कार्बोहाइड्रेट को कंट्रोल करता है। कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने पर शरीर में कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
कोर्टिसोल हार्मोन लेवल बढ़ने से मूड स्विंग्स, याददाश्त कमजोर होने के साथ-साथ बहुत ज्यादा गुस्सा आना और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने पर महिलाओं को माहवारी के दौरान दिक्कत हो सकती है। अनियमित पीरियड्स के कारण अन्य शारीरिक समस्या भी हो सकती है।
कोर्टिसोल हार्मोन लेवल को नियंत्रित रखने के लिए प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर डाइट लेना चाहिए। प्रोसेस्ड और जंक फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
कोर्टिसोल हार्मोन नियंत्रित रखने के लिए रोज एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है। फिजिकल एक्टिविटी को अपने रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए।
नींद की कमी या देर रात तक जागने की वजह से कोर्टिसोल का लेवल बढ़ सकता है। सोने-उठने का समय निर्धारित करना चाहिए। शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।