सुंदरकांड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। नियमित पाठ करने से कर्ज और रोग से छुटकारा मिलता है।
सुंदरकांड के पाठ से भूत, पिशाच, शनि, राहु-केतु आदि का भय दूर हो जाता है।
सुंदरकांड का पाठ सप्ताह में एक बार करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में विषम परिस्थितियों में सुंदरकांड पाठ करने की सलाह दी गई है।
जीवन में किसी प्रकार की समस्या होने पर संकल्प लेकर सुंदरकांड का पाठ करें। साप्ताहिक पाठ करने से परिवार में खुशियां बढ़ती हैं।