स्वास्तिक का निशान शुभता का प्रतीक है इसलिए इसे हर शुभ कार्य से पहले बनाया जाता है।
स्वास्तिक में चार भुजाएं होती हैं और इन चारों भुजाओं को चार दिशाओं से जोड़कर देखा जाता है।
घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक का निशान बनाने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
स्वास्तिक का निशान हमेशा सिंदूर से बनाना चाहिए क्योंकि सिंदूर से बने स्वास्तिक से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
प्रवेश द्वार पर बड़े आकार का स्वास्तिक बनाना चाहिए। घर के आंगन के बीचों बीच भी स्वास्तिक का निशान बनाना अच्छा होता है।
जहां स्वास्तिक का निशान बना रहे हैं वह स्थान साफ-सुथरा हो, वहां जूते चप्पल का ढ़ेर ना लगा हो।
स्वास्तिक को हमेशा ईशान कोण या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए। इससे घर की दरिद्रता दूर हो जाती है।