वास्तु अनुसार खिड़की वास्तु में घर की खिड़की किस दिशा में और कैसी होना चाहिए इस बारे में भी बताया गया है। सही दिशा में बनी हुई खिड़की आपका भाग्य खोल सकती है।
गलत दिशा में खिड़की खुली होने से आपका भाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है। इसलिए खिड़की बनाते समय दिशाओं के साथ उससे संबंधित अन्य वास्तु नियमों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
खिड़की खुलवाने के लिए पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दिशा की दीवार सही रहती है। इन दिशाओं में खिड़कियों का निर्माण करवाना शुभ माना गया है।
उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है, इस दिशा को खुला रखना सही रहता है। इसलिए उत्तर दिशा में भी खिड़की का निर्माण शुभ माना गया है। इस दिशा में खिड़की खुली होने से धन और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
नैऋत्य कोण में भी खिड़की नहीं बनवानी चाहिए। घर के दक्षिण और पश्चिम दिशा के भाग को नैऋत्य कोण कहते हैं, क्योंकि इस दिशा के स्वामी राहु-केतु हैं।
वास्तु के अनुसार घर में खिड़कियों की संख्या हमेशा सम यानी 2, 4, 6 इस तरह से होनी चाहिए। विषम संख्या में खिड़कियों का निर्माण सही नहीं रहता है।
खिड़की को हमेशा दो पल्लो की बनवानी चाहिए। दरवाजे हमेशा अंदर की ओर खुलने चाहिए। घर के खिड़की दरवाजे खुलते समय आवाज नहीं होनी चाहिए।
घर की खिड़कियों को बेल-वूटो से सजाकर रखना चाहिए। खिड़कियों पर रंगोली और मांडने वाली चित्रकारी करना शुभ माना जाता है। खिड़कीयों को अच्छी तरह सलीके से पर्दे डालकर रखना चाहिए।