पुराणों में कहा गया है कि देव गुरु बृहस्पति की पूजा से धन और विद्या का लाभ होता है।
विधि विधान से व्रत रखने से हर तरह की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। बृहस्पति को बुद्धि का कारक माना जाता है।
देव गुरु बृहस्पति की पूजा और व्रत रखने से सुख की प्राप्ति होती है। नियमानुसार ही व्रत रखना चाहिये। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि बृहस्पतिवार का व्रत करने और कथा सुनने से संतानहीनों को संतान की प्राप्ति होती है।
देव गुरु बृहस्पति की पूजा और व्रत रखने से उन लोगों का विवाह हो जाता है जिनके विवाह मे किसी तरह की अड़चनें आ रही हों।
ज्योतिषियों का कहना है बृहस्पति का पूजन और व्रत रखने से कुंडली से गुरु ग्रह दोष दूर हो जाता है।
पंडितों का कहना है कि बृहस्पति का व्रत 16 गुरुवार तक लगातार करके 17 वें गुरुवार को इसका उद्यापन करना चाहिये।