वास्तु शास्त्र में घर की परेशानियों को दूर करने के लिए कई उपाय दिए गए हैं। ऐसे ही कुछ उपाय मोरपंख को लेकर भी दिए हैं।
मोरपंख को वास्तुशास्त्र में शुभ माना गया है। भगवान कृष्ण से भी जोड़कर देखा जाता है। वह उसे मुकुट पर धारण करते थे।
घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख कि झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें।
नित्य नियम के बाद भगवान का नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये।
कुछ देर 'ॐकार' का कीर्तन करें। ऐसा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है।
किसी व्यक्ति से परेशान हैं तो मंगलवार या शनिवार को मोरपंख पर हनुमानजी के मस्तक के सिंदूर से उसका नाम लिखें। रातभर पूजा स्थान पर रखें। सुबह बहते पानी में प्रवाहित कर दें। दुश्मन भी दोस्त बन जाएंगे।
ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए जिस ग्रह की पीड़ा मिल रही है, उसका 21 बार मंत्र बोलकर मोरपंख पर पानी के छींटे दें। पूजा स्थान पर रख दें थोड़े दिन में चमत्कारी परिणाम नजर आने लगेंगे।
नवजात बच्चों को नजर बहुत लगती है। बुरी नजर से बच्चों को बचाने के लिए मोरपंख को चांदी के ताबीज में डालकर उसके सिरहाने रख दें। इससे डर भी दूर होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने भी कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मोरपंख मुकुट में धारण किया था। कालसर्प दोष से ग्रसित लोगों को 7 मोर पंख तकिए के कवर में डाल दें।