भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मान्यता है कि कालसर्प दोष लगने से व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है और वह मुसीबत में घिर जाता है।
किसी जातक की कुंडली के 12 भावों में किसी भी दो भाव में जब राहु-केतु के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह उपस्थित हो जाते हैं, तो कालसर्प दोष लगता है।
कालसर्प दोष के कारण विवाह में बाधा, शुभ काम में परेशानी और हर समय मानसिक तनाव जैसी परेशानियां आती है।
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों को करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
सोमवार को महादेव को जल चढ़ाने के अलावा 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
राहु काल के समय में मां भगवती का ध्यान कर एक माला 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें। इस उपाय को भी 7 दिनों तक करना है।
अगर आप राहु-केतु की बाधा से तत्काल मुक्ति पाना चाहते हैं, तो चन्दन की माला से शिव मंदिर में 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का जप करें।