आजकल अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के कारण कम उम्र में ही लोग डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन लक्षणों की बिल्कुल भी अनदेखी नहीं करना चाहिए।
शरीर में यदि ब्लड शुगर लेवल अस्थिर रहता है तो हृदय रोग के साथ-साथ किडनी की भी समस्या हो सकती है। डायबिटीज होने पर इसके सबसे प्रारंभिक लक्षण पैरों में ही दिखाई देते हैं।
पैर की उंगलियां के साथ-साथ अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। शरीर में कुछ हिस्से काले पड़ने लगते हैं या स्किन पर काले निशान भी पड़ने लगते हैं।
डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. धर्मेंद्र झवर के मुताबिक, डायबिटिक न्यूरोपैथी होने पर पैरों में दर्द, झुनझुनी और सुन्नता बनी रहती है। इस कारण से पैरों में सड़न या घाव भी हो सकता है।
डायबिटीज की शुरुआत होने पर पैरों में कालापन और उंगलियों में सूजन हो सकती है। ज्यादा लापरवाही बरतने पर फुट अल्सर भी हो सकता है।
डायबिटिक फुट या अल्सर के शुरुआत संकेत दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।