कई बार बहुत दवाइयां लेने और अच्छा खान-पान रखने के बाद भी रोग लगे ही रहते हैं या फिर अक्सर घर में कोई न कोई सदस्य बीमार रहने लगता है।
वास्तु के अनुसार कुछ गलतियों के या दोषों के कारण भी घर के लोगों को रोग घेरने लगते हैं। इसके लिए वास्तु में कुछ उपाय बताए गए है।
इस बात का खास ध्यान रखें कि घर का मुख्य द्वार और दहलीज टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही ध्यान रखें कि मुख्य द्वार पर किसी तरह की कोई गंदगी नहीं होनी चाहिए।
घर के मुख्य द्वार में किसी प्रकार का दोष होने पर घर के सदस्यों की तरक्की और स्वास्थ्य दोनों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का निशान बनाएं।
अपने घर में कोनों और दीवारों पर मकड़ी के जाले लगे हो तो उन्हें हटा देना चाहिए। इससे मानसिक तनाव को बढ़ता है। इसके अलावा द्वार पर घंटियां या फिर विंडचाइम लगानी चाहिए।
इसके साथ ही सुबह उठकर सारे खिड़की दरवाजे खोल देना चाहिए ताकि घर में सही तरह से सूर्य की रोशनी और स्वच्छ ताजी हवा आ सके। इससे घर के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
घर में कभी भी बीम के नीचे नहीं सोना चाहिए। घर के ब्रह्म स्थान को हमेशा खाली रखना चाहिए, अन्यथा इससे रोग होने की संभावना रहती है। शयन कक्ष में कभी भी शीशे के बिस्तर के ठीक सामने नहीं लगाना चाहिए।