गर्मियों के मौसम में बाजार में तरबूज खूब आते हैं। हम भी बाजार में लालू तरबूज ही खरीदना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार इन्हें केमिकल से लाल किया जाता है।
तरबूज को अंदर से लाल गहरा रंग करने के लिए किसान खतरनाक व जहरीले डाई एरीथ्रोसिन का प्रयोग करते हैं, जिसके उपयोग से तरबूज लाल हो जाता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने केमिकल वाले तरबूज बचाव के लिए एक बयान और वीडियो भी जारी किया है और लोगों से इसके प्रति सतर्क रहने को कहा है।
पहले तरबूज को दो हिस्से में काट लें। फिर गूदे पर कॉटन बॉल की मदद से डाई का पता कर लें। यदि कॉन बॉल का रंग चेंज होता है तो इसका मतलब है कि इसमें केमिकल लगा है।
एरीथ्रोसिन के लगातार प्रयोग से नर्वस सिस्टम डैमेज होता है। इससे व्यवहार संबंधी दिक्कतें होती हैं। थायराइड भी हो सकता है।
फलों को जल्दी पकाने के लिए किसान और कारोबारी कार्बाइड का प्रयोग करते हैं। कारोबारी किसानों से फल कच्चा ही खरीद लेते हैं और फिर कार्बाइड लगाकर पकाते हैं।
आम, केले, खजूर के अलावा अन्य कई फलों को पकाने में केमिकल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे फलों के सेवन से सिरदर्द, स्किन पर रैशेज, खुजली की समस्या होती है।