टीनएज ज्यादातर बच्चों के लिए मुश्किल समय होता है। इस दौरान उन्हें कई तरह के बदलाव महसूस होते हैं, जिसका प्रभाव व्यवहार पर पड़ता है।
दरअसल, टीनएज में कुछ ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जिनकी वजह से बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो सकता है।
बच्चों को टीनएज में पेरेंटिंग की काफी ज्यादा जरूरत होती है। आइए आपको बता देते हैं कि बच्चों का कैसे ध्यान रखा जा सकता है।
किशोर बच्चों के साथ बातचीत करना जरूरी होता है, लेकिन इस दौरान आपको गुस्से पर नियंत्रण रखना होगा। ऐसा करने से बच्चे आपकी बात भी समझ पाएंगे।
आपको इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि आपका बच्चा हर चीज के लिए आप पर निर्भर नहीं है। इसलिए आपको उसे कुछ निर्णय लेने की जिम्मेदारी देनी चाहिए।
वर्तमान समय में बच्चे टेक्नोलॉजी का काफी ज्यादा प्रयोग करते हैं। बच्चों को लिमिट टाइम के लिए ही गैजेट्स से खेलने दें।
आपका टीनएज बच्चा आपके साथ अपने अनुभवों को शेयर करना चाहता है। इसलिए जरूरी है कि आप उसकी बातों को समझे और उसे जज ना करें।
हेल्दी डाइट सभी के लिए जरूरी होती है। किशोर बच्चों की डाइट में पोषक तत्वों का ध्यान भी रखना बेहद जरूरी होता है।