दोषों से छुटकारा पाने के लिए विशेष नदियों के स्नान की सलाह भी दी जाती है। आइए जानते है 16 फरवरी को किस नदी में स्नान करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है?
हिंदू धर्म में नर्मदा नदी को भी गंगा नदी जितना ही पूजनीय माना गया है। 16 फरवरी को नर्मदा जयंती के मौके पर इस नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी।
नर्मदा जयंती 15 फरवरी को सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 16 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, नर्मदा जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी।
नर्मदा जयंती शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, इस नदी में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
कुंडली में कालसर्प दोष होना बेहद अशुभ माना जाता है। यदि आप की कुंडली में यह दोष है तो सफलता मिलने में बहुत कठिनाईयां आती है। साथ ही, पूरा जीवन चुनौतियों से भर जाता है।
जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है तो चांदी के नाग-नागिन का एक जोड़ा नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदीं में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कालसर्प दोष दूर होता है।
नर्मदा जयंती के दिन इस नदी में स्नान करनें और विधि-विधान से पूजा के बाद मां नर्मदा अष्टक का पाठ और आरती करें। ऐसा करने से मां नर्मदा आपके सभी कष्ट दूर करेंगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में कालसर्प दोष होना ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में ज्योतिष से परामर्श करके आगे कि विधि जान लें
किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह के बाद ही कालसर्प दोष पूजा कराएं। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी अन्य खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ