वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठें।
प्रातः जल्दी स्नानादि करने के बाद नए वस्त्र धारण कर श्रंगार करें।
बरगद के पेड़ की जड़ को जल अर्पित करें, गुड़ चना अक्षत फूल इत्यादि अर्पित करें।
कच्चे सूत से वट के वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें।
परिक्रमा करते समय पति की लंबी आयु की कामना करें।
वट सावित्री व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। इसके बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद लें।
वट सावित्री व्रत के दिन दान करना अति लाभकारी माना गया है।
किसी सुहागन स्त्री को सुहाग का सामान दान करना शुभ माना गया है।
वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को काले-नीले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
दूध- फल वगैरह का सेवन करें। एक समय भोजन करके भी उपवास कर सकते हैं।
इस दिन तामसिक भोजन व लहसुन प्याज आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
ज्यादा से ज्यादा मौन का पालन करें और अपने ईष्ट प्रभु के मंत्रों का जप करें।।
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