मंदिर का निर्माण उल्टे कमल की शैली में किया गया है।
भगवान सूर्य सात घोड़ों पर सवार नजर आते हैँ।
सूर्य की पहली और सांध्यकालीन किरण भगवान सूर्य को स्पर्श करती है।
मुख्य मूर्ति की ऊंचाई-13 फीट 2 इंच है
मंदिर का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है।
भगवान के दर्शन करने अलग-अलग राज्यों से आते हैं भक्त।