पूजा करते समय या फिर मंत्रों का जाप करते समय हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ने लगती है। ऐसे में सीधे जमीन पर बैठने से वह ऊर्जा जमीन में चली जाती है। आसान पर बैठकर पूजा करने पर ऊर्जा शरीर में रहती है।
पूजा के लिए अलग अलग आसन बाजार में आपको कई तरह के आसन मिलेंगे लेकिन घर में हमेशा कंबल या ऊनी आसन पर बैठकर ही पूजा करना चाहिए। इस तरह के आसन पर पूजा करना शुभ होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस आसन पर बैठकर आप पूजा यह मंत्रों का जाप करते हैं उस आसन का प्रयोग किसी दूसरे को नहीं करना चाहिए।
पूजा खत्म होने के बाद आसन को इधर-उधर न रखें बल्कि उसे साफ-सुथरे हाथों से स्वच्छ स्थान पर ही रखें।
पूजा करने के बाद आसन को हमेशा सही तरीके से उठाना चाहिए और उचित स्थान पर ही रखना चाहिए।
जिस आसन पर बैठकर आप रोजाना पूजा या मंत्रों का जाप करते हैं उसका इस्तेमाल आप किसी दूसरे कार्य के लिए न करें जैसे भोजन आदि।
पूजा करने के बाद ऐसे ही कभी भी आसन को नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि आचमन से थोड़ा जल धरती पर अर्पित कर ईश्वर को प्रणाम करने के बाद ही आसन से उठना चाहिए।