राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने । के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य के साथ ही घर में सुख शांत रहती है।
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा करने से विष्णुप्रिया लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं। जिससे घर में दरिद्रता का वास होने लगता है।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आंवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन निर्मल हो जाता है।