हिंदू धर्म में एकादशी का महत्व काफी ज्यादा होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है उस दिन उनकी पूजा नियमों के साथ की जाती है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन सही से भगवान विष्णु की पूजा करने पर उनका आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी होती है।
विजया एकादशी तिथि का आरंभ 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर होगा और अगले दिन 7 मार्च को 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।
लेकिन, उदया काल से ही एकादशी तिथि 6 मार्च को पूरे दिन रहने वाली है। इसलिए विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च को ही रखा जाएगा।
विजया एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को विजय की प्राप्ति होती है। लंका विजय करने की कामना से भगवान राम ने इस व्रत को किया था।
विजया एकादशी की एक दिन पहले एक शुद्ध स्थान बनाएं और उस पर सप्त अनाज रखें। ब्रह्म मुहूर्त में उस दिन उठकर पूजा का मंदिर अच्छे से साफ कर लें।
इसके बाद विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करके उसपर तुलसी आदि चीजों को शामिल करें, फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।