छठ पूजा का पर्व बहुत बड़ा पर्व माना जाता है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरू होता है।
यह त्योहार 4 दिनों तक विधि-विधान से मनाया जाता है। ये व्रत संतान के सुखी जीवन के लिए किया जाता है जिसके कई मायने हैं।
यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इसमें कठोर नियमों का पालन करते हुए 36 घंटे तक उपवास किया जाता है।
छठ पूजा का व्रत वाले लोग 24 घंटे तक बिना जल के रहते हैं। इसका मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।
यह चतुर्थी से शुरू होता है और सुबह सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद सप्तमी तिथि को समाप्त हो जाता है।
यह चतुर्थी से शुरू होता है और सुबह सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद सप्तमी तिथि को समाप्त हो जाता है।
इस बार यह त्योहार शुक्रवार, 17 नवंबर 2023 के नहाय खाय के साथ शुरू होगा। इस दिन भक्ति नहाने के बाद सूर्य देव को जल देते हैं।
खरना शनिवार, 18 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। इस दिन व्रती गंगाजल मिले जल से स्नान करके दूसरे दिन निर्जला व्रत करते हैं। रात में छठी मैया की पूजा की जाती है।
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। वहीं, अगले दिन यानी चौथे दिन सुबह में उगते हुए सूर्य को व्रती अर्घ्य देते हैं।