नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है। आइए जानते है पांचवे दिन किस शुभ मुहूर्त में करें मां स्कंदमाता की पूजा।
पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं। मैया को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में अगर मैया की पूजा की जाएं तो विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
कुमार कार्तिकेय को स्कंद के नाम से भी जाना जाता है इसीलिए मां पार्वती को उनके पुत्र के नाम से भा बुलाया जाता है। मां का यह स्वरूप सरस और मोहक है। इस रूप की विधि पूर्वक पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मां स्कंद माता की पूजा ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में करनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.45 से 5.34 तक तो वही अभिजीत मुहूर्त 11.43 से दोपहर 12.29 तक रहेगा।
मां को केले का भोग अति प्रिय होता है। आप मां को केला और खीर का प्रसाद भी अर्पित कर सकते है। मां भोग से ज्यादा भाव की भूखी होती है, ऐसे में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से माता की पूजा करें।
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः इस मंत्र के जाप के अलावा आप दुर्गा चालीसा का पाठ भी कर सकते है।
स्कंदमाता की प्रतिमा को लाल या पीले वस्त्र पर रखकर माता को कुमकुम और अक्षत से तिलक लगाएं। इसके बाद मां को पुष्प अर्पित करें और भोग लगाएं।
मां को सफेद रंग प्रिय है। ऐसे में पूजा के दौरान सफेद रंग का वस्त्र ही धारण करें। विधिपूर्वक पूजन के बाद माता की आरती जरूर करें। साथ ही, पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना करना न भूलें।