हिंदू धर्म का पालन करने वाले जातक अक्सर पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाया करते है। आइए जानते है पूजा के दौरान दीपक बुझने का क्या संकेत होता?
पूजा के दौरान, दीपक का बुझना एक प्रकार का अपशकुन माना जाता है। इससे अशुभ परिणाम भी मिल सकते है। ऐसे में दीपक का बुझना कई प्रकार के संकेत देता है।
देवी-देवताओं की पूजा करने से लेकर हवन और कथा में भी दीपक को जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने से न केवल अंधकार दूर होता है, बल्कि घर से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
दीपक जलाने से घर का वास्तु दोष भी दूर होता है। शास्त्रों के मुताबिक दीया जलाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है।
अगर पूजा के दौरान दीपक बुझ जाता है तो यह देवी-देवताओं के नाराज होने का संकेत माना जाता है। दीपक बुझने को लेकर यह भी मान्यता है कि पूजा पूरी न होने पर कोई फल नहीं मिलता है।
अगर पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो इसका मतलब यह होता है कि आपकी मनोकामना पूर्ति में भी बाधा होती है। दीपक बुझना यह इशारा करता है कि जातक ने सच्चे मन से भगवान की पूजा नहीं कर रहें है।
दीपक जलाते समय हवा, बाती में घी या तेल का न होना भी दीपक बुझने का कारण होता है। ऐसे में दीपक में पर्याप्त घी या तेल डालें और अगर हवा हो तो शीशे से दीये को ढक दें। इससे दोबारा इसकी नौबत नहीं आएगी।
संकल्प पूर्ति के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है। अगर अखंड ज्योति किसी कारण से बुझ जाती है तो यह किसी बड़े संकट के आने का संकेत होता है। ऐसे में अखंड ज्योति के बगल छोटा दीपक जलाएं, ताकि अखंड ज्योति के बुझते ही तुरंत जलाया जा सकें।