अगर आप अस्थमा के मरीज हैं, तो सोने की पोजीशन में बदलाव करना चाहिए। आइए जानते हैं कि अस्थमा में सोने की सबसे अच्छी पोजीशन कौन सी है?
अस्थमा के मरीजों को दवा के साथ ही सोने के पोजीशन का भी ध्यान रखना चाहिए। सही पोजीशन में सोने से आराम मिल सकता है।
कई अस्थमा के मरीजों को रात को सोने के दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है, जिससे नींद बार-बार टूटती है और अगले दिन थकान महसूस होती है।
अस्थमा के मरीजों को बाएं करवट सोना चाहिए। इस पोजीशन में होने छाती पर कम असर पड़ता है। साथ ही, फेफड़े सही से काम करते हैं।
अस्थमा वालों को सिर ऊंचा करके सोना चाहिए। इसके लिए आप तकिया इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन तकिया ज्यादा सख्त न हो।
अस्थमा के रोगियों को सीने के बल होने से बचना चाहिए। सीने के बल सोने से श्वसन नली पर दबाव डालती है। इसलिए इस पोजीशन में न खाएं।
अक्सर लोग सोने से पहले बिस्तर पर लेटकर घंटों मोबाइल देखते हैं। लेटकर मोबाइल देखने से गर्दन की पोजीशन बदलती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।