हिंदू धर्म में शादी में कई रीति-रिवाज प्रचलित हैं, जिनको किया जाता है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है।
ऐसी ही एक रस्म गठबंधन की होती है। यह रस्म बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन को एक पवित्र धागे से बांध दिया जाता है।
गठबंधन का यह धागा ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह को समर्पित होता है। इस रस्म के बाद सात फेरे लिए जाते हैं, जो हमेशा साथ निभाने का वादा करते हैं।
गठबंधन के वक्त दुल्हन के आंचल में पांच चीजें बांधी जाती हैं। इनका आशीर्वाद लेकर फेरे लिए जाते हैं। इस वजह से गठबंधन एक दैवीय शक्ति को प्रदर्शित करता है।
गणेश जी को दूर्वा घास बेहद प्रिय होती है, इस वजह से इसे गठबंधन में शामिल किया जाता है। इसे रखने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है तथा वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
वहीं, चावल अन्न का प्रतीक माना जाता है। गठबंधन में इसे इस वजह से बांधा जाता है कि कभी अन्न की कमी न हो। इसे बांधने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
गठबंधन में सिक्का भी बांधा जाता है, इसका संबंध धन से होता है। इसे रखने का तात्पर्य यह है कि नवविवाहित जोड़े में कभी भी धन की कमी न हो।
फूल प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं। इन्हें गठबंधन में इस वजह से शामिल किया जाता है कि वैवाहिक जीवन में कभी भी प्रेम और आनंद की कमी न हो।
वहीं, हल्दी से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हल्दी पीले रंग की होती है, जो कि सूर्य का प्रतीक है। इसका इस्तेमाल गठबंधन में करने पर वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
शादी के गठबंधन में इन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Naidunia.Com