हिंदू धर्म में विवाह के बाद हर महिला को सोलह श्रृंगार करना होता है। वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाए रखने के लिए यह जरूरी होता है। साथ ही, इससे यह भी पता चलता है कि महिला सुहागिन है। आइए जानते हैं कि शादी के बाद बिछिया का क्या महत्व है-
ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद महिला को बिछिया पहनना जरूरी होता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती हैं। पति का दांपत्य जीवन सुखमय रहता है।
विवाहित महिलाओं को बिछिया पहनने से पति की आयु लंबी होती है। इससे उनके जीवन में सौभाग्य का आशीष मिलता है और सुख-समृद्धि भी मिलती है।
शादी के समय में महिलाओं को तीन बिछिया पहनाई जाती हैं। लेकिन, शादी के कुछ दिन बाद मध्यमा उंगली में एक बिछिया को जीवन भर पहनना चाहिए।
बिछिया को सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, विवाहित स्त्री को इसे पहनने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और खुशियों का आगमन होता है।
आजकल कुछ महिलाएं नकली चांदी की बिछिया पहन लेती हैं, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि हमेशा बिछिया चांदी की पहननी चाहिए। क्योंकि चांदी को चंद्रमा का कारक माना गया है और इसे पहनने से शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है।
अगर किसी कारण की वजह से बिछिया टूट जाती है, तो इसे शुक्रवार के दिन नई बिछिया को पहनना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सौंदर्य, प्रेम और आनंद से जुड़ा होता है।
यह शादी के बाद बिछिया का पहनने का महत्व है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM