16 श्रृंगार का मतलब क्या होता है?


By Ayushi Singh12, Jun 2024 09:11 PMnaidunia.com

सोलह श्रृंगार हर सुहागिन महिला के लिए जरुरी है। ये केवल खूबसूरती ही नहीं बढ़ता है, बल्कि भाग्य को भी बढ़ता है। लेकिन बहुत से लोगों को इसके महत्व के बारे में नहीं पता।

सोलह श्रृंगार का मतलब

इसका मतलब होता है महिलाएं सिर से लेकर पैर तक कुछ न कुछ सुहाग की निशानी को पहनती हैं।

16 श्रृंगार में क्या क्या आता है?

सोलह श्रृंगार में चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, मंगल सूत्र, पायल, कमरबंद, नथ, अंगूठी, बाजूबंद, गजरा, मांग टीका, झुमके ये सभी चीजें शामिल हैं।

क्या होता है सोलह श्रृंगार?

शादी के पहले इसके बारे में बताया जाता है। हिंदू विवाह के बाद स्त्री को सोलह श्रृंगार की सोलह चीजें धारण करनी होती हैं, ताकि वे सज सवर के सुंदर लगे।

शास्त्रों के अनुसार

इसमें कहा गया है कि महिलाओं को घर में पूर्ण साज-सज्जा के साथ रहना चाहिए। ऐसा इसलिए, ताकि घर में मान प्रतिष्ठा बनी रहे।

नई पहचान

इससे एक स्त्री के जीवन में बदलाव आता है और उसे समाज में उसकी पहचान को एक नए रुप में प्रस्तुत करता है।

पति की लंबी आयु

हिंदू धर्म में प्रत्येक सुहागिन महिलएं अपने पति की लंबी आयु के लिए और सुख जीवन की कामना के साथ सोलह श्रृंगार धारण करती हैं।

सुंदरता में चार चांद

सोलह श्रृंगार करके एक स्त्री की खूबसूरती में चार-चांद लग जाता है और उसकी सुंदरता निखरकर सामने आती है।

ऐसे 16 श्रृंगार का मतलब जानें। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

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