आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून से हो रही है और इसका समापन 21 जुलाई को होगा। यह महीना जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है।
इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए निद्रा योग में चले जाते हैं। इस समय सृष्टि का संचालन भगवान शिव जी करते हैं।
इस महीने में कुछ कार्यों को करने की मनाही की गई है। इन कार्यों को करने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आषाढ़ महीने में पानी की बर्बादी बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान रुष्ट होते हैं और इस वजह से परेशानियां होती हैं।
इस महीने में मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इनका सेवन करने से भगवान विष्णु नाराज होते हैं।
वहीं, इस महीने में मांगलिक कार्यों की भी मनाही है। ऐसे में इस महीने में शादी, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं होते हैं। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
इस महीने में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इस पूरे महीने विष्णु जी की आराधना करें और हवन भी आयोजित करें।
वहीं, इस महीने में पितरों का तर्पण भी किया जाता है। इससे पितृ देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही इस महीने में दान का भी विशेष महत्व है।
आषाढ़ माह में इन कार्यों को करने की मनाही है। धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Naidunia.Com