सावन के साथ-साथ अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से हो रही हैं। आज हम आपको बताएंगे मलमास में क्या चीजें नहीं खानी चाहिए और क्या चीजें खानी चाहिए।
मलमास का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है। इस महीने में पूजा-पाठ करने से लोगों को अधिक फल मिलता है। इस मास में धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुद्ध, सात्विक और पवित्र खानपान पर ध्यान देना चाहिए।
मलमास के महीने में तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। तामसिक भोजन के अधिक सेवन से भ्रम, जड़ता और भटकाव महसूस होता है।
तामसिक भोजनों में लहसुन, प्याज, राई, मसूर, मूंग, लेट्यूस, पत्ता गोभी, फूल गोभी, बासी भोजन, शहद, और चावल का मांड का सेवन करने से बचना चाहिए।
मलमास में नॉन वेज फूड्स का सेवन करने से नकारात्मक ऊर्जा भी आती है। इस महीने में अंडा, मांस, मछली, नशीला पदार्थ आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
भोजन में आप गेहूं, बेसन, चना, तिल, मूंगफली, बेसन, चावल, सब्जी का सेवन करना चाहिए। सात्विक भोजन के सेवन से शरीर मन संतुलित होता है और पाचन तंत्र मजबूत होता हैं।
सब्जियों में आप पालक, भिंडी, जीरा, सेंधा नमक, शिमला मिर्च, खीरा, ककड़ी , धनिया, लाल साग आदि का सेवन करना चाहिए।
अधिक मास भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना जाता हैं। खानपान और चाल- चरित्र का ध्यान रखने के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती हैं।