बृहस्पतिवार को लक्ष्मीपति विष्णु और देवों के गुरु बृहस्पति जी की पूजा का विधान है। गुरुवार का व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यह व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि की बरसात करते हैं। बृहस्पति की आराधना से पेट संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं।
अग्नि पुराण में किए गए उल्लेख के अनुसार, गुरुवार का व्रत अनुराधा नक्षत्र में पड़ने वाले गुरुवार से शुरू करना चाहिए और लगातार 7 गुरुवार तक रखना चाहिए।
सुबह जागते ही भगवान का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें और स्नान करके भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद गुड़, चना, अक्षत आदि सामग्री जरूर रखें।
भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। पीला रंग धारण करने के कारण उन्हें पीतांबर भी कहा जाता है। उन्हें पीले रंग का फूल और फल चढ़ाएं।
गुरुवार के दिन व्रत करने वालों को पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। साथ ही गुरुवार को पीले रंग की चीजें दान करनी चाहिए।
गुरुवार के व्रत के दिन व्रत रखने वालों को भूल से भी नमक नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही पीले रंग का आहार ग्रहण करना चाहिए।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।