हिंदू धर्म में चूड़ियों का विशेष महत्व है और यह सोलह श्रृंगार की चीजों में से एक है। आइए जानते हैं कि सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
चूड़ियों को सुहाग की निशानी मानी जाती है। इसलिए शादी के बाद सुहागिन महिला की कलाई कभी-भी सुनी नहीं रहती है।
माना जाता है कि शादी के बाद महिलाओं को 21 चूड़ियां पहनना शुभ होता है। साथ ही, दोनों हाथों में बराबर मात्रा में चूड़ियां पहननी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सुहागिन महिलाओं के चूड़ियां पहनने से पति की आयु बढ़ती है। मां दुर्गा को भी 16 श्रृंगार में चूड़ियां चढ़ाई जाती है।
कहा जाता है कि चूड़ियों की खनखन से घर में सुख-शांति बनी रहती है और इससे वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है।
चूड़ियां पहनने से मन को शांति मिलती है और इससे आंखों को भी आराम मिलता है। साथ ही, सुख-समृद्धि बनी रहती है।
माना जाता है कि चूड़ी का दान करने से बुध देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कई पूजा-पाठ और व्रत में चूड़ियों के दान करने का नियम है।
सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां पहनते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM