हिंदू धर्म में कुंडली में ग्रहों की दिशा का ठीक होना काफी मायने रखता हैं। ऐसे में अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो जाए तो आपको क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते है।
चंद्रमा को हिंदू धर्म में मन का कारक माना गया है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर व्यक्ति मन से बेहद कमजोर होने लगता है।
मन की कमजोरी के साथ-साथ चंद्रमा कमजोर होने पर व्यक्ति अत्याधिक भावुक फैसले लेने लगता है। चंद्रमा का दोष होने पर लोगों में बीमारीयां भी देखने को मिलती हैं।
चंद्रमा मन से जुड़ा है। ऐसे में इसके कमजोर होने पर व्यक्ति मानसिक रुप से भी कमजोर होने लगता है। नींद में परेशानी, जुकाम, सर्दी, अस्थमा जैसी चीजों से व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है।
चंद्रमा ग्रह की अनुकूलता के लिए वैदिक मंत्र का जाप करते हुए शाम के समय दूध से चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए। इस वैदिक मंत्र का 11 बजार जप करना है।
चंद्रमा ग्रह की अनुकूलता के लिए वैदिक मंत्र का जाप करते हुए शाम के समय दूध से चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए। इस वैदिक मंत्र का 11 बजार जप करना है।
‘ओम इमं देवा असपलग्वं सुबध्वं महते क्षत्रय महते ज्येष्ठयाय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय। इमममुष्य पुत्रमनुष्यै पुत्र मस्यै विशएष वोऽमी राजा सोमेऽस्माकं ब्रह्मणानाग्वं राजा॥’
जातक को चंद्रमा की शांति के लिए सावन महीने के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से व्रत शुरु करना चाहिए। इस व्रत को 10 सोमवार से लेकर 54 सोमवार तक रखना चाहिए।
सफेद कपड़ा, दक्षिणा, सफेद फूल, मोती, चांदी, चावल, मिसरी, हल्दी, शंख, कपूर, श्वेत बैल, श्वेत चंदन आदि का सोमवार के दिन दान करने से कुंडली से चंद्र दोष शांत हो जाता है।