पितृ पक्ष के दौरान पितर धरती पर आते है इसलिए चीजों का दान और जल अर्पित किया जाता है। पितृ पक्ष में जल अर्पित करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों को जल चढ़ाना बेहद ही शुभ और फलदायी माना जाता है। पितरों को जल चढ़ाना का सही समय 11:30 से लेकर 12:30 होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों को जब जल चढ़ाएं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुंह दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि दक्षिण पितरों की दिशा होती है।
पितरों को जल चढ़ाते समय बर्तन का भी ध्यान रखना चाहिए। जल के लिए केवल कांसे या तांबे के लोटे का ही प्रयोग करना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार, पितरों को आमंत्रित कर जल ग्रहण करने की प्रार्थना करें। इसके बाद 5-7 या 11 बार अंजलि से जल धरती पर गिराएं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर पितृ पक्ष के दौरान जल चढ़ाते है, तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।