ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु दोनों को मायावी ग्रह का नाम दिया गया है। इसका मतलब होता है ये दोनों हमेशा वक्रीय चाल में चलते हैं।
कई बार मायावी ग्रह राहु और केतु घर में ही जगह बना लेते हैं। ऐसे में इनका स्थान जानना बेहद ही जरूरी हो जाता है। आइए हम आपको बताते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से घर में यदि राहु और केतु को ठीक नहीं किया गया तो किसी दुर्घटना के शिकार होने की संभावना बनी हुई रहती है।
मायावी ग्रह कभी भी कहीं भी अपनी माया से घर में जगह पा लेते हैं और पता भी नहीं चल पाता है। आखिर किस स्थान पर राहु और केतु की जगह हो सकती है?
वास्तु के अनुसार, घर की दक्षिण पश्चिम दिशा राहु और केतु की दिशा मानी जाती है। शास्त्रों की मानें तो यहां शौचालय होना चाहिए।
वास्तु के हिसाब से यह बताया गया है कि घर की सीढ़ियों और छत को भी राहु से संबंधित माना जाता है। इन जगहों पर दोनों का स्थान होता है।
ऐसे में छत और सीढ़ियों को भी साफ सुथरी अवस्था में रखनी चाहिए। कभी भी छत पर टूटा फूटा समान न रखें इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।