भगवान शिव का प्रिय महीना जुलाई की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में सावन का पर्व भी शुरू होने वाला है। सावन के महीने में सारे भक्त कावड़ लेकर जल लेने जाते हैं, जिससे भगवान शिव उनकी सारी मनोकामना पूर्ण करें। आइए जानते हैं कि कावड़ का जल कहां से लेना चाहिए-
हरिद्वार के हर की पौड़ी में ब्रह्मकुंड से गंगा जल भरकर भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष फलदायी होता है। इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल भरकर अपने घर के शिवालयों पर जाकर भगवान शिव को जल अर्पण करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इससे भगवान शिव उनकी सारी समस्याओं का निवारण करते हैं।
भारत में बहुत से प्रसिद्ध घाट है जहां पर स्नान कर कांवड़िये जल उठाते हैं। भारत में ऋषिकेश, सोरों घाट, त्रिवेणी घाट बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां से कांवड़िये जल उठाते हैं और सबसे ज्यादा हरिद्वार से जल उठाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि सावन के पूरे महीने में भोलेनाथ अपने ससुराल हरिद्वार स्थित कनखल में वास करते हैं और यहीं से पूरी सृष्टि का संचालन 6 महीने तक करते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सावन के महीने में कांवड़ उठाने वाले भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। जल से शिवलिंग का अभिषेक करने वालों पर भोलेनाथ की विशेष रूप से कृपा होती हैं और उनके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं।
कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी और इसकी समाप्ति 2 अगस्त 2024 को सावन शिवरात्रि पर होगी। कावड़ यात्रा एक तीर्थ यात्रा के समान होती है, जिसका लोग पूरे साल भर इंतजार करते हैं
यहां से कावड़ का जल लेना चाहिए । एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM