भारत में तुलसी के पत्तों का धार्मिक महत्व तो है ही, इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में खूब किया जाता है। तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हरेक घर में मिल जाएगा।
तुलसी के औषधीय गुण के कारण कई आयुर्वेद और नेचुरोपैथी चिकित्सालयों में जड़ी बूटी बनाने के लिए होता है। इसके कई प्रकार हैं, जिनमें रामा और श्यामा तुलसी सबसे आम है।
लेकिन दोनों में क्या अंतर है और आपको अच्छी सेहत के लिए किसे चुनना चाहिए? एक रिसर्च में यह बताया गया कि रामा तुलसी का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है।
रामा तुलसी अपनी औषधीय गुणों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस किस्म की तुलसी की पत्तियों का स्वाद मीठा होता है। इसके कई लाभ हैं।
रामा तुलसी के बारे में यह बताया गया है कि इस तुलसी को हिंदू धर्म में दवाइयों का रामबाण कहा जाता है। इसका इस्तेमाल धार्मिक पूजा पाठ में किया जाता है।
श्यामा तुलसी को डार्क तुलसी के नाम से जानते हैं। इसके पत्ते हरे और बैंगनी होते हैं। इसका तना भी बैंगनी रंग का होता है। इसका इस्तेमाल कम किया था है।
दोनों ही तुलसी के अपने औषधीय फायदे हैं। दोनों का इस्तेमाल बुखार, स्किन डिजीज, डाइजेशन और इम्यूनिटी को ठीक करने के लिए किया जाता है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य जानकारी पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।