वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण भी पितृ दोष लगता है। चलिए जान लेते हैं कि किन ग्रहों के कमजोर होने पर पितृ दोष लगने की ज्यादा संभावना होती है।
कुंडली में सूर्य ग्रह की कमजोर स्थिति होने पर पितृ दोष पैदा हो सकता है। इससे बचने के लिए सूर्यदेव को जल अर्पित करना शुरू कर दें।
पितृ दोष लगने का एक अहम कारण चंद्रमा का कमजोर होना होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ऐसी स्थिति में चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय अपनाएं।
इस ग्रह की स्थिति अशुभ होने पर भी पितृ दोष लग सकता है। इस स्थिति में मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्योतिष के अचूक उपाय अपनाएं।
वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इसकी कमजोर स्थिति के कारण भी पितृ दोष लग सकता है।
राहु के दुष्प्रभाव से पितृ दोष लगता है। बता दें कि कुंडली में कमजोर राहु पितरों की नाराजगी का कारण भी बनता है।
कुंडली में शुक्र ग्रह की कमजोर स्थिति के कारण भी पितृ दोष लग सकता है। खासकर ऐसा स्त्री पक्ष के मामलों में ज्यादा देखने को मिलता है।
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। हमारी तरफ से उपरोक्त सूचना की पुष्टि करना संभव नहीं है।
यहां हमने जाना कि किन कौन से ग्रह पितृ दोष बढ़ाते हैं। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ