आचार्य चाणक्य एक तेज बुद्धि वाले ज्ञानी व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी नीति शास्त्र में कई चीजों के बारे में वर्णन किया, जिसमें यह भी था कि मृत्यु के बाद कौन से लोग नर्क में जाते हैं।
आचार्य चाणक्य का इसके ऊपर यह मानना है कि ऐसे लोग जीते जी ही नर्क की राह देख लेते हैं। कोई न कोई संकट से हमेशा ये घिरे रहते हैं।
महान चाणक्य ये अपने शास्त्र में यह वर्णन किया है कि जो व्यक्ति दुष्ट और नीच प्रवृत्ति का होता है, वह जीते जी नर्क में जाता ही है साथ ही मरने के बाद भी उसे वही मिलता है।
जिस इंसान के मन में धन या वासना का लालच भरा हुआ होता है या यदि वह अहंकार में पूरी तरह चूर होता है, उसे नर्क का राह नसीब होता है।
आचार्य चाणक्य ने यह बताया है कि जो व्यक्ति अपने कर्मों से माता पिता या बुजुर्ग का दिल दुखाते हैं, उनके लिए नर्क का दरवाजा खुला रहता है।
चाणक्य के नीति शास्त्र में यह भी वर्णित है कि जो इंसान अपने लोगों से छल या बैर रखता है, वह सीधा नर्क में जाता है। उसे काफी यातनाएं सहनी पड़ती है।
जो इंसान बिना किसी कारणवश के दूसरे का नुकसान करते हैं उनके लिए भी नर्क का दरवाजा खुला हुआ रहता है। शोषण करने वाला इंसान भी नर्क में गिरता है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।