महाभारत में कौन थे संजय? जो धृतराष्ट्र को दे रहे थे पल-पल की खबर


By Prakhar Pandey11, Jan 2024 01:36 PMnaidunia.com

महाभारत का युद्ध

महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र के रण में लड़ रहे योद्धा ही नहीं बल्कि हस्तिनापुर में भी कई किरदार बैठे थे। आइए जानते है संजय के बारे में।

कौन थे संजय?

संजय हस्तिनापुर के कार्यवाहक राजा धृतराष्ट के सारथी और सलाहकार था। महाभारत के युद्ध के दौरान वे धृतराष्ट को पल-पल की खबर दे रहे थे।

दिव्य दृष्टि

संजय को धृतराष्ट ने भगवान वेद व्यास के आशीर्वाद से दिव्य दृष्टि दिलाई थी। संजय को यह दृष्टि धृतराष्ट ने महाभारत की हर पल की खबर पाने के लिए दिलाई थी।

क्यों पड़ी जरूरत?

धृतराष्ट जन्म से अंधे थे और उनकी पत्नी गांधारी ने उनके प्रति अपने समर्पण के चलते आंखों में पट्टी बांधी हुई थी। जिस वजह से धृतराष्ट ने संजय को दिव्य दृष्टि दिलाई थी।

पांडवों का संदेश

महाभारत युद्ध से पूर्व धृतराष्ट ने संजय को पांडवो के पास बातचीत के लिए भेजा था। वहां से आकर उन्होंने युधिष्ठिर का संदेश धृतराष्ट को सुनाया था।

कौरवों को कड़े वचन

धृतराष्ट्र के सभा में शामिल मंत्री संजय भी धृतराष्ट्र के पुत्रों के कुकर्म और अधर्म को रोकने के लिए कड़े वचनों का प्रयोग करते है। वह कौरवों के न्याय के प्रति पांडवों के लिए सहानुभूति रखते थे।

कॉमेंटेटर

मॉर्डन जमाने में संजय को कमेंटेटर भी कहा जा सकता है। वो इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति बने जिन्होंने आंखों देखा हाल धृतराष्ट्र को सुनाया था।

युद्ध के बाद

युद्ध के लंबे समय के बाद संजय पांडू पुत्र युधिष्ठिर के राज्य में रहे थे। बाद में संजय संन्यास लेकर हिमालय चले गए थे। धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती ने भी संजय के साथ संन्यास लिया था।

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