हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन सारी माता अपनी संतान के लिए व्रत करती है और इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि जीवित्पुत्रिका व्रत में किसकी पूजा की जाती है-
जीवित्पुत्रिका व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। इस व्रत को पूरे दिन और पूरे रात निर्जला रखा जाता है।
जीवित्पुत्रिका का व्रत अपने संतानों की सलामती के लिए रखा जाता है और अच्छे स्वास्थ्य,लंबी आयु की कामना की जाती है।
इस बार जीवित्पुत्रिका 25 सितंबर 2024 यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है।
जितिया व्रत में भी छठ की तरह नहाय-खाय और खरना की परंपरा है। यह बिहार,झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर मनाया जाता है।
जो भी माता इस व्रत को करती है, उनकी संतान के सारे कष्ट दूर होते है और जीवन में कभी संकट नहीं आते हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं जितिया पर व्रत रखती हैं, उन्हें संतान की अकाल मृत्यु का वरदान प्राप्त होता है।
जीवित्पुत्रिका व्रत में जीमूतवाहन की पूजा जाती है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM