जन्म और मृत्यु प्रकृति का नियम है। गीता में भी कहा गया है की जो इस दुनिया में आया है वो एक दिन तो जाएगा ही। आइए जानते है मृत्यु के बाद हिंदू धर्म में क्यों बाल कटवाते है?
हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार मृत्यु के बाद अक्सर लोग सिर मुंडवाते है। गरुड़ पुराण के मुताबिक भी सिर मुंडवाना चाहिए।
मृतक के लिए बाल समर्पित करना यह दिखाता है की उसके परिजन उसका कितना प्यार और सम्मान करता है।
किसी व्यक्ति की मृत्यु के कारण परिवार में सूतक लग जाता है। यानी की कुछ दिनों तक परिवार के लोगों को अशुद्ध माना जाता हैं।
सिर मुंडवाने के साथ ही सूतक पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही परिवार की भी शुद्धि हो जाती है।
बालों को धर्म ग्रंथो में नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता हैं। ऐसे में आत्मा का किसी के शरीर से संपर्क में आना बालों के माध्यम से होता है।
परिवार में क्रिया-कर्म करने के लिए एक व्यक्ति को शुरू में ही सिर मुंडवाना पड़ता है। इसके बाद परिवार के सभी पुरुष मृत्यु के 10 दिन बाद अपने बाल मुंडवाते है।
हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद बाल बनवाने से मृतक के प्रति प्यार और समर्पण दिखता है। इस परंपरा को हिंदू धर्म में शुरुआत से ही निभाया जा रहा है।