नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने का विधान है और ऐसा करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्र हवन बिना अधूरी क्यों मानी जाती है-
चैत्र नवरात्र में नवमी के दिन हवन कर सकते हैं, लेकिन दुर्गा अष्टमी और महानवमी को नवरात्र का हवन करते हैं। इस बार दुर्गा अष्टमी 5 अप्रैल और नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है और नौवें दिन हवन करने का विशेष महत्व है।
नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती है। साथ ही, सुख-समृदि का वास होता है।
नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने से व्रत का समापन होता है और इससे घर में सुख-शांति का वास होता है।
लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।
इन कारणों से चैत्र नवरात्र हवन बिना अधूरी मानी जाती है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM