भगवान गणेश को बुद्धि का दाता माना जाता है। किसी भी धार्मिक कार्य को शुरू करने से पहले गणपति बप्पा का नाम जरूर लिया जाता है।
हरेक वर्ष 10 दिनों के लिए भगवान गणेश सभी की घरों में विराजमान होते हैं और लोग धूमधाम से बप्पा की पूजा करते हैं।
भगवान गणेश का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। लेकिन बप्पा का विसर्जन क्यों होता है? ये जानना बेहद जरूरी है।
बप्पा की पूजा 10 दिनों तक धूमधाम से करने के बाद उनकी मूर्ति जल में विसर्जित कर दी जाती है। साथ ही विघ्नहर्ता जातक के सारे दुख हर लेते हैं।
पौराणिक कथा के मुताबिक वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए बप्पा को चुना, क्योंकि उन्हें ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो बोलने की गति के साथ लिखता हो।
पौराणिक कथा के मुताबिक वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखने के लिए बप्पा को चुना, क्योंकि उन्हें ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो बोलने की गति के साथ लिखता हो।
10 दिनों तक वेदव्यास जी ने बिना रुके महाभारत सुनाई और गणेश जी उसे लिखते गए। उसके बाद उन्होंने देखा बप्पा का तापमान काफी बढ़ गया है।
उसके बाद उन्होंने गणेश जी को तालाब में स्नान कराया। उसके बाद से ऐसी मान्यता है कि बप्पा का विसर्जन होता है।
बप्पा की पूजा कई नियमों का पालन करके धूमधाम से की जाती है। 10 दिनों तक लोग उनकी पूजा में लीन हो जाते हैं।