इस्लाम में रमजान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मुस्लिम कैलेंडर में 12 महीने में से एक महीने का नाम रमजान है।
रमजान के महीना में कुरान नाजिल हुआ था इसलिए इस महीने की इतनी फजीलत है। इस महीने में लोग रोजे, इबादत और गरीबों का ख्याल रखते है।
इंसान आदम की औलाद है, जो गुनाह करता रहता है और इन गुनाहों की माफी के लिए रमजान का महीना जरूरी होता है। रमजान के महीना में जो रोजे रखते है और इबादत करते है उनके गुनाह माफ होते है।
मान्यताओं के अनुसार, रमजान का महीना गुनाहों से छुटकारा दिलाता है। इस महीने में आप इबादत और गरीबों का ख्याल करके गुनाहों से छुटकारा पा सकते है।
मान्यताओं के अनुसार, रमजान के महीने में अल्लाह शैतान को इंसान से दूर कर देता है। इस महीने में शैतान इंसान से दूर रहता है, ताकि इंसान अच्छे से इबादत कर सके।
रमजान के महीने में पूरे 1 महीनों का रोजा होता है। महीने के दिन चांद के ऊपर निर्भर करता है कि रोजे 30 होंगे या 31। इसके साथ ही, आपकी कमाई का 2% प्रतिशत पैसा गरीब लोगों में बांटना होता है जिसको जकात कहते है।
आम दिन में 1 फर्ज नमाज का जितना सवाब मिलता है वहीं, रमजान के महीने में 1 फर्ज नमाज का सवाब 70 गुना मिलता है। इसलिए, भी इस महीने की फजीलत काफी है।
रमजान के 1 महीने रोजे रखने के बाद सभी मुस्लिम अगली सुबह ईद की नमाज अदा करते है और इस तरह रमजान का पवित्र महीना खत्म होता है।
रमजान का महीना इस्लाम में फजीलतों वाला बताया गया है। धर्म और अध्यात्म की खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ