कुबेर देव की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व होता है। मान्यता अनुसार, शुक्रवार के दिन कुबेर देव की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती है। आइए जानते है भगवान कुबेर की विशेष पूजा किस प्रकार करनी है?
कुबेर देवता को धन का देवता माना जाता है। कुबेर देव को भगवान शिव का परम भक्त और नौ निधियों का देवता भी माना जाता है। इन्हें स्थायी धन का स्वामी भी माना जाता है।
देवी लक्ष्मी धन को गतिमान रखती है और कुबेर देवता धन को स्थिर रखने का काम करते है। कुबेर जी की पूजा-अर्चना करने से भी धन का अभाव नहीं रहता है।
कुबेर जी की पूजा करने से भौतिक सुखों का उपभोग करते है। अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर है और बहुत कोशिश के बाद भी धन नहीं कमा पा रहे है तो बुधवार के दिन कुबेर यंत्र को स्थापित करें।
कुबेर चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हो जाएगा। कुबेर यंत्र को स्थापित करके पूजा स्थल या कार्यस्थल पर स्थापित कर दें।
सबसे पहले यंत्र को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से शुद्ध कर लें। इसके बाद यंत्र के सामने घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएं।
कुबेर चालीसा का पाठ करें और प्रतिदिन स्नान करने के बाद करना है। मान्यता अनुसार, पद-प्रतिष्ठा, सौभाग्य आदि की प्राप्ति के लिए विशेष फल मिलते है।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ का जाप करने से भी धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति करती है। शुक्रवार की रात इस मंत्र का जाप करने से इच्छा पूर्ति होती है।