हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व होता है। माता लक्ष्मी के साथ शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने से आपको जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है। आइए जानते है देवी लक्ष्मी के साथ कैसे करें शुक्र ग्रह को प्रसन्न?
शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। यह दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ शुक्र ग्रह को भी समर्पित होता है, इस दिन को काफी अच्छा माना जाता है।
शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए विशेष दिन पर उनकी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शुक्रवार के दिन शुक्र कवच का पाठ और आरती करना बेहद लाभकारी माना जाता है। आइए जानते है शुक्र कवच के बारे में।
मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् । समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥ ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः । नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥
पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः । जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥ भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः । नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥
कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः । जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥ गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः । सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥
य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः । न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥ इस कवच का पाठ करने के बाद शुक्र देव की आरती करनी चाहिए।
शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को कमल का फूल और कौड़ी अर्पित करना चाहिए। साथ ही, इस दिन खीर और मिश्री का भोग भी लगान चाहिए।
अगर आपको देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने से संबंधित यह स्टोरी जानकारीपूर्ण लगी तो ऐसी ही धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें naidunia.com